एफिलिएट मार्केटिंग क्या है?
एफिलिएट मार्केटिंग एक ऑनलाइन बिजनेस मॉडल है जिसमें आप किसी अन्य कंपनी के प्रोडक्ट्स को प्रमोट करते हैं और जब कोई व्यक्ति आपके रेफरल लिंक के जरिए खरीदारी करता है, तो आपको कमीशन मिलता है। यह एक परफॉर्मेंस-बेस्ड मार्केटिंग मॉडल है, यानी आपको तभी पैसे मिलते हैं जब आपकी मार्केटिंग के जरिए कोई सेल होती है। जब तक आपका प्रचार प्रसार हो रहा है तब तक आपकी इनकों होती है इस्ल्ये इस बिजनेस मॉडल में प्रचार को रोकना नहीं चाहिए।
एफिलिएट मार्केटिंग कैसे शुरू करें?
एफिलिएट मार्केटिंग शुरू करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करना पड़ेगा:
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निश (Niche) अर्थात अपना एक गोल चुनें:
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इस बिजनेस मॉडल को शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको एक गोल चुनना पड़ेगा जिसमे आपको सबसे ज्यादा रूचि हो, जिसके बारे में आपको अच्छे से जानकारी हो ताकि प्रोडक्ट के बारे में अच्छे से किसी को समझा सकते है।
एक ऐसा टॉपिक या इंडस्ट्री चुनें जिसमें आपको रुचि हो, जैसे कि हेल्थ, टेक्नोलॉजी, फैशन, फाइनेंस आदि।
2. एफिलिएट प्रोग्राम जॉइन करें:
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कुछ पॉपुलर एफिलिएट प्रोग्राम:
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Amazon Associates (अमेज़न एफिलिएट)
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Flipkart Affiliate
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एक वेबसाइट या ब्लॉग बनाएं:
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वर्डप्रेस, ब्लॉगस्पॉट या अन्य प्लेटफार्म पर अपनी वेबसाइट बनाएं।
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कंटेंट क्रिएशन करें:
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ब्लॉग पोस्ट, रिव्यू, गाइड, वीडियो, सोशल मीडिया पोस्ट आदि के जरिए एफिलिएट प्रोडक्ट्स प्रमोट करें।
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ट्रैफिक लाएं:
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SEO, सोशल मीडिया, ईमेल मार्केटिंग और विज्ञापन के जरिए लोगों को अपनी वेबसाइट पर लाएं।
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एफिलिएट लिंक शेयर करें:
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एफिलिएट प्रोग्राम से मिले यूनिक लिंक को अपने कंटेंट में डालें।
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कमाई करें:
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जब कोई यूजर आपके लिंक के जरिए खरीदारी करेगा, तो आपको कमीशन मिलेगा।
एफिलिएट मार्केटिंग शुरू करने की लागत
एफिलिएट मार्केटिंग कम लागत में शुरू की जा सकती है। शुरुआती खर्च कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:
खर्च का प्रकार | अनुमानित लागत |
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डोमेन नेम (Domain Name) | ₹500 - ₹1000 प्रति वर्ष |
वेब होस्टिंग (Web Hosting) | ₹2000 - ₹5000 प्रति वर्ष |
वेबसाइट डिज़ाइन (थीम, टूल्स) | ₹1000 - ₹3000 (ऑप्शनल) |
कंटेंट क्रिएशन (आर्टिकल्स, वीडियो) | ₹0 - ₹5000 (अगर खुद करें तो फ्री) |
मार्केटिंग (Paid Ads) | ₹0 - ₹10,000 (ऑप्शनल) |
अगर आप खुद कंटेंट लिखते हैं और SEO फ्री में करते हैं, तो ₹3000 - ₹5000 में भी शुरुआत हो सकती है।
एफिलिएट मार्केटिंग और ई-कॉमर्स में अंतर
पहलू | एफिलिएट मार्केटिंग | ई-कॉमर्स |
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प्रोडक्ट ओनरशिप | खुद के प्रोडक्ट नहीं होते, सिर्फ प्रमोट करना होता है | अपने खुद के प्रोडक्ट बेचने होते हैं |
इन्वेस्टमेंट | कम लागत में शुरू हो सकता है | ज्यादा इन्वेस्टमेंट चाहिए (प्रोडक्ट, स्टॉक, डिलीवरी) |
रिस्क | कम, क्योंकि प्रोडक्ट डिलीवरी या रिटर्न की जिम्मेदारी नहीं होती | ज्यादा, क्योंकि रिटर्न, कस्टमर सर्विस और लॉजिस्टिक्स मैनेज करना पड़ता है |
कमाई | कमीशन बेस्ड कमाई | प्रोडक्ट सेल से डायरेक्ट कमाई |
स्केलेबिलिटी | आसानी से स्केल किया जा सकता है | ज्यादा रिसोर्सेज चाहिए |
अगर आप कम लागत में ऑनलाइन पैसा कमाना चाहते हैं, तो एफिलिएट मार्केटिंग एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। लेकिन अगर आप खुद के प्रोडक्ट बनाकर और बेचकर एक बड़ा बिजनेस खड़ा करना चाहते हैं, तो ई-कॉमर्स सही रहेगा।
आपको कौन सा मॉडल पसंद आता है? क्या आप एफिलिएट मार्केटिंग शुरू करना चाहते हैं?